Bank Rate:
बिना collateral के RBI, long
टर्म के लिए Banks को लोन देती हैं जो कि बैंक रेट के हिसाब से दिया जाता है।
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Bank Rate |
पर बैंक रेट से inflation से
कैसे लड़ें
माना बैंक रेट 3% हैं बैंक अपना margin रख के आगे 5% में लोन देती हैं जैसा कि पिक्चर में दिखाया है।
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Combating Inflation/deflation with Bank Rate |
अब माना कि बैंक रेट 36% कर दिया तब बैंक भी अपना margin रख कर लोन के रेट (48%) बढ़ा देंगे
बैंक रेट को Panel Rate से जोड़ा गया हैं
CRR व SLR को दो सप्ताह तक maintain करना पड़ता हैं ; अगर maintain नहीं किया तो पेनल्टी लगाती है
LAF (Liquid Adjustment Facility)
यह एक तरह का short लोन हैं
जिसमें RBI व बैंक आपस में खेलते हैं
Collateral
= Govt Sec होती हैं जो एसएलआर कोटे से नहीं होनी चाहिए
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Relation between Repo and Reverse Repo |
Reverse Repo = जब खुद RBI, बैंक से short Term के लिए लोन लेता हैं।
Reverse = Repo -0.25 होता हैं
जरुरत होने पर short Term के लिए बैंक govt. Sec. देकर RBI से पैसे लेते हैं, और समय बीतने के साथ रेपो रेट के साथ वापिस कर देते हैं
जैसे SBI ने 100 करोड़ लिए >> तब 7 दिन बाद SBI 106.25 करोड़ (100×6.25%) देकर अपनी Govt Sec वापिस ले लेंगे
Securities, SLR कोटे से नहीं होनी चाहिए। रेपो रेट से सभी clients लोन ले सकते हैं।
MSF (Marginal standing facility)
यह रेपो रेट जैसा काम करता हैं पर अन्तर हैं कि
As on November 2017, the RBI has lowered the difference between repo rate and MSF to 0.25%.
Reverse Repo rate
7 दिन के बाद RBI 106 करोड़ (100×6 %)
देकर अपनी G-Sec वापिस ले लेगी
Repo,Reverse रेपो व MSF से inflation
से कैसे लड़ें
माना कि पहले
रेपो 8% था, बैंक ने अपना margin
रख कर कार के लोन के रेट 13% रखा
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Combating Inflation/Deflation With Repo Rate |
Inflation के समय RBI रेपो बढ़ा देता हैं
जिससे बैंक भी अपना profit maintain करने के लिए लोन के रेट
बढ़ा देते हैं >> लोन महंगा हो जाता हैं >> लोग कम लोन लेंगे >> डिमांड कम हो जाएगी >> कार के रेट भी कम हो जायेंगे >> महँगाई कम
होगी
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