किसी अर्थव्यवस्था में Money तीन प्रकार का होता हैं:
1. Reserve Money
2. Broad Money
3. Narrow Moeny
1. Reserve Money (M0)
RBI के पास जितना पैसा है और जितना पैसा चलन में हैं , वो सब मिलाकर जो जोड़ आता है उसको Reserve Money या फिर High Powered Money कहा जाता हैं
= RBI के पास मुद्रा + चलन में मुद्रा
RBI की मुद्रा के अंतर्गत Government की जमा राशि और अन्य बैंकों की जमा राशि आती हैं
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M0 Money Supply Measurement |
जनता के पास कितना पैसा हैं और जनता की बैंक में कितनी जमा राशि हैं, उन सब का जोड़ Narrow Money होती हैं।
M1 = जनता के हाथ में मुद्रा + जनता की बैंकों में जमा राशि
यहाँ ध्यान देने योग्य बात हैं कि ये वो राशि हैं जो काम आने पर जनता बैंक से निकाल सके। इसका मतलब हैं कि Current व् Saving Account की saving ही यहाँ पकड़ी जाएगी।
यानी कि जो Liquid Money या फिर Cash , जो काम आने पर तुरंत ही खर्च की जा सके।
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M0 Money Supply Measurement |
M2 Money
और अगर इसमें पोस्ट ऑफिस की केवल Savings को जोड़ दिया जाए तो वो M2 Money होती हैं।
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M2 Money Supply Measurement |
इस तरह से हम यह कह सकते हैं कि
M2 = M1 + Post Office Savings (Demand Only)
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M2 Money Supply Measurement |
अगर Narrow Money में Time Deposits को भी जोड़ दिया जाए तो उसे Broad Money कहते हैं
Time Deposits में RD व् FD जैसे Deposits आते हैं।
M4 Money
अगर M3 में पोस्ट ऑफिस की Total Savings जोड़ दिया जाए तो उसे M4 Money कहते हैं
M4 = M3 + Post office Total Savings (Both Demand & Time)
अगर इन सब को एक साथ देखें तो
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M3 Money Supply Measurement |
Time Deposits में RD व् FD जैसे Deposits आते हैं।
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M3 Money Supply Measurement |
अगर M3 में पोस्ट ऑफिस की Total Savings जोड़ दिया जाए तो उसे M4 Money कहते हैं
M4 = M3 + Post office Total Savings (Both Demand & Time)
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Money Supply Measurement |
मुद्रा आपूर्ति की परिभाषा
ReplyDeletevery helpful
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