Why Nationalization Done ??
30' तक भारत में लगभग 1200 बैंक थे जो Company Law पर ही चलते थे । 1930 की मंदी के कारण लगभग सभी बैंक दिवालिया हो गए ।
इस कारण से 1934 में RBI Act बना , जिसके माध्यम से सभी बैंक पर निगरानी रखी जानी थी । 1935 से RBI ने काम करना शुरू कर दिया ।
आजादी के बाद SBI, ICICI, PNB, BOB जैसे बड़े बैंक अस्तित्व में थे पर इन बैंकों के लगभग सभी लोन उद्धोगपतियों के घरानों में ही जा रहे थे। गरीब लोगों और गाँव के विकास के लिए कोई लोन नहीं जा रहा था ।
इन बैंकों की Branches तो बढ़ रही थी पर ग्रामीण क्षेत्रों में कोई भी शाखाएँ नहीं खुल रही थी । इस कारण से भारत सरकार के पंच वर्षीय कार्यक्रम में कोई मदद नहीं हो पा रही थी ।
उपर्युक्त कारण से भारत सरकार ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण करने का निर्णय लिया।
पहला राष्ट्रीयकरण (1955)
अगर देखा जाये तो पहला राष्ट्रीयकृत बैंक SBI था , जिसका 1955 में राष्ट्रीयकरण किया गया ।
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Imperial Bank Nationalization to SBI |
1921 में Imperial Bank of India बना था , जिसका 1955 में राष्ट्रीयकरण कर State Bank of India नाम रखा गया ।
दूसरा राष्ट्रीयकरण (1969)
1969 में 14 बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया जिनका Deposits 50 करोड़ या उसके ऊपर था
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1969 Bank Nationalization |
तीसरा राष्ट्रीयकरण (1980)
1980 में 6 बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया जिनका Deposits 200 करोड़ या उसके ऊपर था
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1980 Bank Nationalization |
महिला बैंक (2013)
इसी तर्ज पर एक महिला बैंक 2013 में बनाया गया । यह बैंक पूर्ण रूप से भारत सरकार के स्वामित्व वाला था ।
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bhartiya Mahila Bank |
इस बैंक के बोर्ड में सभी महिलाएं थी ।
इस बैंक के staff में महिलाएं व पुरुष दोनों थे
पर इस बैंक का का उद्देश्य महिलाओं को मुख्य रूप से लोन देना था ।
1 करोड़ तक बिना किसी collateral के लोन देने कि सुविधा था
1 April 2017 से महिला बैंक को SBI के साथ मिला दिया गया ।
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