1806 में सबसे पहले बंगाल में, 1840 में मुंबई और फिर 1842 में मद्रास में ये Banks बनाए गए । इन सभी बैंकों को नोट जारी करने का अधिकार था ।
1921 में इन तीनों बैंकों को Merge करके Imperial bank of India बनाया गया । पर यह ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकार क्षेत्र में था
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Evolution of State bank of India |
1955 में इस बैंक को राष्ट्रीकरण किया गया और State Bank of India बनाया गया ।
1707 में Bank of Hindustan आया पर यह बैंक यूरोपीयों के अधिकार में था
1865 में Allhabad Bank आया , ये भी एक यूरोपियन बैंक था।
1908 में Bank of Baroda आया ।
भारतीय प्रबंधन के अंतर्गत पहला सीमित दायित्व वाला बैंक अवध कमर्शियल बैंक था जिसकी स्थापना 1881 में हुई थी
1894 में पंजाब नेशनल बैंक की स्थापना हुई जिसको लाला लाजपत राय ने कुछ लोगों के साथ मिलकर खोला था
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Founder of PNB |
1906 के स्वदेशी आंदोलन के अंतर्गत कई बैंक खोले गए लेकिन अगर हम गौर करेंगे तो हम पाएंगे कि लगभग सारे बैंक समुद्री किनारे पर ही थे जहां से व्यापार करना आसान होता था । इसका मतलब कि सारे बैंक का मकसद लोन के जरिये मुनाफा कमाना ही था ।
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Year wise & State wise Evolution of Banks in India |
1919-17 के दौरान बैंकिंग संकट तथा पांचवे दशक में विभन्न राज्यों में 588 बैंकों के दिवालिया हो जाने से वाणिज्य बैंकों के नियमन और उन पर नियंत्रण की आवश्यकता पर बल मिला ।
तब तक सभी बैंक Companies Act'1913 द्वारा संचालित होते थे
पर 588 बैंकों के दिवालिया हो जाने पर 1934 में RBI Act बनाया गया और उसके अधीन 1 अप्रैल 1935 से RBI ने काम करना शुरू कर दिया । उस समय इसकी स्थापना एक निजी बैंक के रूप में हुई थी । इसमे भारत सरकार के 4.4 % ही शेयर्स थे
अधिकतम शेयर्स Private Sector के होने के कारण RBI के पहला गवर्नर British ही था ।
उनका नाम था -------Sir Osborne Smith
उस समय सामान्य बैंकिंग के साथ साथ दो अन्य कार्य भी दिये गए थे :
1. भारत में बैंकों का नियमन और नियंत्रण
2. सरकार के बैंक की भूमिका निभाना
पर RBI के पास सभी बैंकों पर नियंत्रण का अधिकार नहीं था , यह केवल उन बैंकों पर अपना नियमन कर सकती थी जो RBI Act'34 के 2nd Schedule में listed हो।
इन listed बैंकों को निम्न के लिए जिम्मेदार थे :
1. Paid Up Capital 5 लाख रुपए रखना होता था
2. और खातेदार (depositors) के पैसों की सुरक्षा में interest दिखाना होता था
3. इसके लिए इन बैंकों को CRR को नियमित करना होता था
1949 में Banking Regulation Act बनाया गया और भारत सरकार द्वारा RBI का राष्ट्रीयकरण कर दिया । यानि कि इसके शत प्रतिशत शेयर्स खरीद लिए गए । इस तरह भारत सरकार ने विश्व के अन्य देशों की तरह "केन्द्रीय बैंकिंग निकाय (Central Banking Body)" का दर्जा दिया गया ।
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Evolution of RBI |
Banking Regulation Act'1949 में पहली बार SLR का जिक्र किया गया । और इसके साथ RBI तकनीकी तौर पर बैंक नहीं रह गया
RBI के मुख्य कार्य
1. Issuing and Distribution Agency
एक रुपए व एक रुपए से छोटे सिक्के वित्त मंत्रालय द्वारा issue किये जाते हैं
बाकी के एक रूपये से बड़े नोट और सिक्के RBI द्वारा Issue किये जाते हैं पर RBI के इस कार्य को वित्त मंत्रालय द्वारा नियंत्रित किए जाता हैं ।
इन सभी नोटों और सिक्कों का वितरण RBI द्वारा ही किया जाता हैं
2. Banker to Government And Banks
RBI सरकार का banker भी हैं जो सरकार के ऋण प्रबंधन और उसके किए हुए Treasury Bills की खरीद इत्यादि कार्य संपादित करता हैं
इसके अलावा RBI देश के सभी बैंकों का बैंक है जो संकट की घड़ी में आर्थिक सहायता (ऋण के रूप में ) देता हैं
3. Controller of Money Supply and Foreign Exchange
RBI द्वारा ही मौद्रिक और साख नीति (credit & Monetary Policy) की घोषणा की जाती हैं । इसका हर दो महीने में review किया जाता हैं । इसके द्वारा मुद्रा स्फीति की दर को नियंत्रित किया जाता हैं
RBI को भारतीय मुद्रा की विनिमय दर को स्थिर रखने का कार्य भी दिया गया हैं । भारत के विदेशी विनिमय भंडार का यह अंतिम संग्रहकर्ता हैं और इसका प्रबंधन देखता हैं । IMF इत्यादि में यह एजेंट के रूप में काम भी करता हैं
4. Regulator of Banks and Non Banking Financial Institutions :
यह सभी बैंकों और नॉन बैंकों का नियमन देखता हैं
5. Other Promotional/Development Activities:
इसके अलावा अर्थव्यवस्था के विकास और प्रोत्साहन का कार्य भी RBI देखता हैं । कई तरह के Data Publication भी RBI देखता हैं । BASEL norms और IMF संबधित कार्य भी यह देखता हैं ।
Government Ordinance to Banking Regulation Act'1949
अभी तक केवक RBI ही बैंकों को order दे सकती थी ताकि NPA के लिए कुछ action ले सकें ।
पर एक ऑर्डिनेन्स लाया गया जिसके अनुसार अब Government भी इस बारे में कदम उठा सकती हैं ।
इसके लिए Governemt RBI को order दे सकती हैं कि वो (RBI) सभी बैंकों को ये ऑर्डर दें ।
इसके अलावा अगर NPA के संदर्भ में कोई कमेटी बनेगी तो RBI को यह अधिकार दिया गया कि वो उस कमेटी में अपना एक ऑफिसर nominate कर सकती हैं ।
Government Ordinance to Banking Regulation Act'1949
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Ordinance to Banking Regulation Act |
पर एक ऑर्डिनेन्स लाया गया जिसके अनुसार अब Government भी इस बारे में कदम उठा सकती हैं ।
इसके लिए Governemt RBI को order दे सकती हैं कि वो (RBI) सभी बैंकों को ये ऑर्डर दें ।
इसके अलावा अगर NPA के संदर्भ में कोई कमेटी बनेगी तो RBI को यह अधिकार दिया गया कि वो उस कमेटी में अपना एक ऑफिसर nominate कर सकती हैं ।
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